Business

SEBI चीफ बनने की ये होती हैं शर्तें और नियम, सेक्रेटरी लेवल के मिलते हैं वेतन-भत्ते व अन्य सुविधाएं

81views

SEBI Chairperson Responsibility: अमेरिकी रिसर्च और निवेश कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कई आरोप लगाए हैं. इस रिपोर्ट में संदेह जताया गया है कि अदाणी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई करने में बाजार नियामक की अनिच्छा का कारण सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है. हालांकि, सेबी चीफ और उनके पति इस मामले में बयान जारी कर आरोपों का खंडन कर चुके हैं. लेकिन सेबी चेयरपर्सन होने के चलते माधबी पुरी बुच अभी भी लगातार चर्चा में हुई हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या होता है सेबी अध्यक्ष या चेयरपर्सन का पद और उनके लिए नियम और शर्तें क्या होती हैं.

निष्पक्षता की गारंटी

सेबी के अध्यक्ष या किसी भी पूर्णकालिक सदस्य की नियुक्ति के लिए सबसे पहली और महत्वपूर्ण शर्त यह है कि उनके पास ऐसा कोई वित्तीय या अन्य स्वार्थ नहीं होना चाहिए, जो उनके कार्यों को प्रभावित कर सके. इस शर्त का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सेबी के शीर्ष पदाधिकारी केवल वित्तीय बाजारों की बेहतरी के लिए ही निर्णय लें और किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत स्वार्थ उनके फैसलों में बाधा न बने.

कार्यकाल और पुनर्नियुक्ति

सेबी के अध्यक्ष और पूर्णकालिक सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम पांच साल का होता है. हालांकि, उन्हें पुनर्नियुक्ति (दोबारा नियुक्ति) का अवसर मिल सकता है. लेकिन कोई भी व्यक्ति 65 वर्ष की आयु के बाद इस पद पर नहीं रह सकता है. अगर किसी कारणवश पद खाली हो जाता है तो नए नियुक्त अधिकारी अपने पूर्ववर्ती के शेष कार्यकाल के लिए ही पद ग्रहण करेंगे. यह व्यवस्था न केवल निरंतरता बनाए रखती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति इस पद पर लंबे समय तक नहीं बना रह सके.

पद छोड़ने के बाद की पाबंदियां

सेबी के पदाधिकारियों को पद छोड़ने के बाद एक वर्ष तक किसी भी तरह की नौकरी नहीं स्वीकार करनी होती है, जब तक कि केंद्र सरकार से विशेष अनुमति न मिल जाए. यह ‘कूलिंग-ऑफ’ अवधि सुनिश्चित करती है कि कोई भी पूर्व नियामक निजी क्षेत्र में तुरंत शामिल होकर अपने पिछले पद से प्राप्त जानकारी का उपयोग निजी लाभ के लिए नहीं कर सके.

सख्त नियुक्ति प्रक्रिया

सेबी के शीर्ष पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया बेहद सख्त और विचारणीय होती है. यह नियुक्तियां वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति की सिफारिशों पर की जाती हैं, जिसमें कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव और सेबी के अध्यक्ष शामिल होते हैं. इसके अलावा, सरकार द्वारा नामित तीन प्रतिष्ठित बाहरी विशेषज्ञ भी इस समिति का हिस्सा होते हैं. इस समिति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सेबी के शीर्ष पदों पर सबसे योग्य, ईमानदार और सक्षम व्यक्तियों की नियुक्ति हो.

वेतन और भत्ते

सेबी के अध्यक्ष और पूर्णकालिक सदस्यों के वेतन को सरकारी सचिव या अतिरिक्त सचिव के समकक्ष वेतन के रूप में चुना जा सकता है या वे एक निर्धारित समेकित वेतन चुन सकते हैं. इसके अलावा उन्हें महंगाई भत्ता, शहर क्षतिपूर्ति भत्ता और एक मामूली मनोरंजन भत्ता भी प्रदान किया जाता है. इन लाभों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारी अपनी भूमिका को प्रभावी ढंग से निभा सकें. जबकि उनकी सार�����वजनिक सेवा की जिम्मेदारी भी पूरी हो.

यात्रा और आवास

सेबी के शीर्ष पदाधिकारियों के लिए यात्रा और आवास की सुविधाएं भी सुनिश्चित की गई हैं. वे सरकारी गाड़ी का उपयोग कर सकते हैं और यदि वे निजी आवास में रहते हैं तो उन्हें मुआवजा भी दिया जाता है. इस तरह की व्यवस्थाएं अधिकारियों को अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती हैं.

बोनस और ग्रेच्युटी

जहां एक ओर सेबी के शीर्ष पदाधिकारियों को कई प्रकार की सुविधाएं मिलती हैं. वहीं कुछ सीमाएं भी हैं. उन्हें बोनस या ग्रेच्युटी नहीं दी जाती है और छुट्टियों के नकदीकरण पर भी सख्त नियम लागू होते हैं.

पारदर्शी और विश्वसनीय ढांचा

सेबी के अध्यक्ष और पूर्णकालिक सदस्यों के लिए निर्धारित शर्तें पारदर्शिता, निष्पक्षता और सार्वजनिक विश्वास की नींव पर आधारित हैं. ये शर्तें सुनिश्चित करती हैं कि भारत के वित्तीय बाजारों की सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने के लिए योग्य और सक्षम नेतृत्व हो. इन शर्तों का पालन कर सेबी यह सुनिश्चित करता है कि उसके शीर्ष पदाधिकारी न केवल योग्य और सक्षम हों, बल्कि वे उच्चतम नैतिक मानकों का भी पालन करें.

khabarbash.com
ख़बर बाश (khabarbash.com)          ⚡  नवीनतम हिंदी समाचार, रखे आपको ख़बरदार     ⚡         ⚠   डिस्क्लेमर: ख़बरबाश ने यहाँ प्रकाशित किसी भी ख़बर को संपादित नहीं किया है। ख़बरें विभिन्न समाचार एजेंसियों की फीड से प्रकाशित की गयी हैं।
Xiaomi ने भारत में 10 साल पूरे किए! लीची : स्वाद और स्वास्थ्य का संगम धरती के करीब आ रहा क्षुद्रग्रह: 2011 UL21 सुबह उठने के बाद कितने गिलास पानी पीना चाहिए? आर अश्विन का 100वां टेस्ट
Xiaomi ने भारत में 10 साल पूरे किए! लीची : स्वाद और स्वास्थ्य का संगम धरती के करीब आ रहा क्षुद्रग्रह: 2011 UL21 सुबह उठने के बाद कितने गिलास पानी पीना चाहिए? आर अश्विन का 100वां टेस्ट क्या होता है Parrot Fever (psittacosis)? आकाश दीप का जलवा : पहले टेस्ट मैच में रचा इतिहास मोहम्मद शमी इंडियन प्रीमियर लीग से बाहर Remembering Ameen Sayani : The Iconic Voice of Indian Radio मालदीव की संसद में सांसद एक-दूसरे से भिड़ गए