NCR में आसमान छूती घरों की कीमतें, क्या सपनों का आशियाना खरीदने का है सही समय? जानें
Delhi NCR Property Rate: हर किसी की तमन्ना होती है कि उसका भी देश की राजधानी में एक सपनों का आशियाना हो. इसी वजह से लोग दिल्ली से सटे एनसीआऱ का रुख करने लगे और खासकर गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में अब रियल एस्टेट डेवलपर्स जमकर निवेश कर रहे हैं. यहां घरों के मांग में तेजी की बात कहें तो कीमतें काफी तेजी से बढ़ी हैं. एक मिडिल क्लास से आने वाला इंसान, जो 50 लाख रुपये के आसपास घर देखता था, उसके सामने अब 1 करोड़ रुपये के नीचे के काफी कम विकल्प हैं. खासकर 2 से 3 बेडरूम वाले फ्लैट की कीमत इन दिनों आसमान छू रही हैं.
रियल एस्टेट की जानकारी रखने वाले कई लोगों का मानना है कि जिन कीमतों में आजकल फ्लैट मिल रहा है. वहां तक पहुंचने में 10 से 15 साल का समय लगना था. लेकिन यह महज 5 सालों में ही हो गया. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मिडिल क्लास की पहुंच से घर का सपना बाहर होते जा रहा है. आज के समय में भी एक करोड़ रुपये के घर की उम्मीद रखना काफी लोगों के लिए महज एक सपना है. वहीं, अधिकतर डेवलपर्स अपनी नई इंवेंट्री 1 से 2 करोड़ रुपये के बीच दे रहे हैं. गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अभी सर्किल रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई है, फिर दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या लोगों को फिलहाल रियल एस्टेट बाजार के ठंडे होने का इंतजार करना चाहिए या फिर निवेश के लिहाज से यह समय ठीक है, आइए कुछ प्रमुख डेवलपर्स से जानते हैं…
गंगा रियल्टी के संयुक्त प्रबंध निदेशक विकास गर्ग ने बताया कि “अभी प्रॉपर्टी में निवेश करना एक सटीक निर्णय हो सकता है. क्योंकि पिछले पांच सालों में रियल एस्टेट में तेजी से मूल्य वृद्धि हुई है. खासकर गुरुग्राम के रियल एस्टेट में यह वृद्धि सबसे ज्यादा देखी गई है. यह वृद्धि बाजार की मजबूत मांग, बढ़ती आय और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का नतीजा है. ऐसे में निवेशक इस समय को एक अवसर के रूप में देख सकते हैं.”
त्रेहान ग्रुप के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहान ने बताया कि पिछले 5 सालों में प्रॉपर्टी के दामों में जिस तेजी से उछाल आया है, वह अप्रत्याशित है. इसके पीछे प्रमुख कारणों में कोविड के बाद की मांग, किफायती ब्याज दरें और सरकार की सकारात्मक नीतियां शामिल हैं. इसलिए, वर्तमान समय प्रॉपर्टी निवेश के लिए एक अनुकूल मौका प्रदान करता है.
आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग ने बताया कि वर्ष 2021-22 के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में कई नए ट्रेंड सामने आए, जिससे मार्केट में महत्वपूर्ण बदलाव हुए. सबसे पहले ग्रुप हॉऊसिंग के प्रति लोगों में रुझान तेजी से बढ़ा और रेडी टू मूव इनवेंटरी की मांग बढ़ गई. कोविड के कारण दो वर्ष की सुस्ती के बाद मार्केट में आई तेजी का फायदा उन प्रोजेक्ट को मिला, जिनमें केवल 30-40 प्रतिशत काम शेष रह गया था. ऐसे प्रोजेक्ट कम समय में पूरा हो गए और रेडी टू मूव के ट्रेंड में बिक गए. अगला ट्रेंड बड़े साइज़ के घरों की मांग का था, जिससे नए फेज और टावर लॉन्च को आधार मिला और पुराने अधूरे प्रोजेक्ट को भी खरीदार मिले. नई और बड़े साइज़ की इनवेंटरी की मांग लगातार बढ़ने के कारण रेट में भी उछाल आना स्वाभाविक था.
ईरोस ग्रुप के निदेशक अवनीश सूद मानते है कि वर्ष 2016 में दिवालिया कानून और रेरा ऐक्ट के बनने और लागू होने के बाद का दौर रियल एस्टेट सेक्टर के लिए निर्णायक रहा था. रियल एस्टेट मार्केट केवल व्यवस्थित, बड़े और स्थायी रियल एस्टेट संस्थान के लिए रह गया था, जो किसी भी लोकेशन की विश्वसनीयता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. ऐसे संस्थान सीमित लेकिन उच्च गुणवत्ता के प्रोजेक्ट का निर्माण करते है. इसका उदाहरण वे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के ईरोस संपूर्णम फेज 1 व 2 को मानते है, जहां लोगों ने ईरोस ग्रुप पर भरोसा किया और उस भरोसे को संस्थान ने ईरोस संपूर्णम फेज 3 में और मजबूत किया, जहां मांग अपने उच्चतम स्तर पर है.
क्रेडाई पश्चिमी यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में निवेश बढ़ाने और रोजगार उत्पन्न करने के उद्देश्य से बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया है, जिससे देश-विदेश से प्राप्त होने वाले निवेश को बेहतर माहौल, सुविधा और उत्तम संसाधन उपलब्ध कराया जा सके. इससे युवाओं और घर खरीदारों के लिए नोएडा और ग्रे�����र नोएडा में वो भविष्य दिख रहा है, जिसकी वो कल्पना करते ���े और इस भविष्य का हिस्सा बनने का सबसे बेहतर तरीका है एक स्थायी पता का होना, जिसका प्रभाव घर खरीदारी के रूप में भी दिख रहा है.
निराला वर्ल्ड के सीएमडी सुरेश गर्ग का मानना है कि वर्ष 2010-11 के दौर से निकलकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा का रियल एस्टेट सेक्टर 2023-24 में बहुत परिपक्व हो चुका है. इस कारण घर खरीदार केवल चुनिंदा और प्रीमियम प्रोजेक्ट में प्रॉपर्टी लेना पसंद कर रहे है, जिनमें बाधायें न हो और पजेशन मिलने में कोई रुकावट न आए. एक्सप्रेसवे, रेल और मेट्रो के बढ़ते नेटवर्क, बेहतर कानून व्यवस्था, देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे जैसे प्रीमियम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, डाटा सेंटर व अन्य कई बड़े प्रोजेक्ट के कारण नोएडा व ग्रेटर नोएडा अचानक से प्रीमियम मार्केट की श्रेणी में आ गया. वर्तमान में प्रदेश सरकार का ध्यान बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर बनाने के है, जिसका केंद्र बिन्दु पश्चिमी यूपी ही है. ऐसे में गुरुग्राम और फरीदाबाद का विकल्प ढूंढने वालों के लिए अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राथमिक मार्केट बन गया है. भूखंड की बढ़ती मांग, सीमित आपूर्ति, संसाधनों की बढ़ती कीमतों और पॉलिसी में बदलाव के कारण भी प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है.