Ranjan Gogoi Birthday: सख्त और ऐतिहासिक फैसलों के लिए जाने थे पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, आज मना रहे 70वां जन्मदिन
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देश के सर्वोच्च अदालत के इतिहास को सबसे बड़ा मुकाम देने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई आज यानी की 18 नवंबर को अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। रंजन गोगोई ने अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं और वह सख्ती के लिए भी जाने जाते थे। रंजन गोगोई ने अपने कार्यकाल में ऐसे मामलों का निपटारा किया, जिसके बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर रंजन गोगोई के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म
बता दें कि 18 नवंबर 1954 को रंजन गोगोई का जन्म हुआ था। साल 1978 में पहली बार रंजन गोगोई बार काउंसिल से जुड़े थे। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत साल 2001 में गुवाहाटी कोर्ट से की थी। इस दौरान वह जज नियुक्त किए गए थे।
करियर
वहीं साल 2010 में रंजन गोगोई हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट के न्यायधीश नियुक्त किए गए थे। फिर एक साल बाद यानी की 2011 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए थे। इसके बाद 23 अप्रैल 2012 में वह पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जज बने।
सख्ती के लिए फेमस थे गोगोई
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व CJI रंजन गोगोई अपनी कर्मठता, निष्पक्ष फैसले और कामकाज के लिए फेमस थे। सख्त तेवर वाले चीफ जस्टिस गोगोई के साथ एक ऐसा वाकया हुआ, जिससे उनकी छवि सख्त तौर पर उभर कर आई। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार ऐसा किया, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। दरअसल, CJI बनने से पहले गोगोई ने एक ऐसा फैसला लिया, जिसके तहत पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू को कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में तलब किया गया। ऐसा पहली बार हुआ था।
बता दें कि केरल के एक बलात्कार कांड में काटजू ने कोर्ट के फैसले की जबरदस्त तरीके से आलोचना की थी। जिसके बाद उन्हें नोटिस जारी कर पेश होने का आदेश दिया गया था और यह फरमान और किसी ने नहीं बल्कि ऐतिहासिक जस्टिस गोगोई ने सुनाया था। हालांकि इस मसले पर वकीलों की दरखास्त पर जस्टिस गोगोई ने उन्हें चेतावनी देकर जाने दिया।
रंजन गोगोई के ऐतिहासिक फैसले
राम मंदिर का फैसला
491 साल पुराना वह केस जिसका इंतजार हर कोई बड़ी शिद्दत से कर रहा था। हर किसी के मन में एक सवाल गूंज रहा था कि अयोध्या में उस विवादित जमीन पर क्या बनेगा। इस सालों पुराने मामले और ऐतिहासिक फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया। इस फैसले में यह सुनिश्चित हो गया कि अयोध्या की विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा।
RTI के दायरे में सीजेआई कार्यालय
इसके साथ ही गोगोई CJI कार्यालय को आरटीआई के दायरे में लाने वाला ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इस फैसले में कोर्ट की तरफ से यह साफ किया गया था कि CJI का कार्यकाल पब्लिक अथॉरिटी है। ऐसे में RTI की जानकारी ली जा सकती है।