Liver Toxicity Symptoms: टॉक्सिक हेपेटाइटिस से लिवर को पहुंच सकता है नुकसान, जानिए इसके लक्षण और इलाज
हमारे शरीर का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण अंग लिवर होता है। लिवर हमारे शरीर के कई कार्यों में मदद करता है। इसलिए लिवर को हेल्दी रखने के लिए हमें अपनी डाइट और लाइफस्टाइल का पूरा ध्यान रखना चाहिए। वहीं गलत खानपान की वजह से लिवर से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं। ऐसी ही एक बीमारी टॉक्सिक हेपेटाइटिस है। बता दें कि लिवर में होने वाली सूजन को टॉक्सिक हेपेटाइटिस कहा जाता है। जिससे लिवर को नुकसान पहुंचता है और लिवर का काम प्रभावित होता है।
बता दें कि टॉक्सिक हेपेटाइटिस होने की कई वजहें होती हैं। जैसे हानिकारक केमिकल के संपर्क में आना, दवाओं का अधिक सेवन करना और शराब का अधिक सेवन करना आदि। कुछ मामलों में इसके लक्षण किसी टॉक्सिक के संपर्क में आने के कुछ दिनों या कुछ घंटों के बाद विकसित होने लगते हैं। वहीं कई बार इसके लक्षणों को पता लगाने में महीने निकल जाते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको टॉक्सिक हेपेटाइटिस के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्या है टॉक्सिक हेपेटाइटिस
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक हमारे शरीर में जाने वाली हर चीज को लिवर फिल्टर करता है। लिवर हमारे खून से कई तरह के केमिकल्स को साफ करता है। लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के संपर्क में आने से टॉक्सिक हेपेटाइटिस की समस्या होती है। जब कभी-कभी लिवर ब्लड को प्रोसेस करता है, तो विषाक्त पदार्थ का निर्माण होता है। जिसकी वजह से लिवर में सूजन आ जाती है। कुछ मामलों में टॉक्सिक हेपेटाइटिस माइल्ड हो सकता है। हालांकि कुछ मामलों में यह बेहद गंभीर हो सकता है। टॉक्सिक हेपेटाइटिस लिवर को स्थाई नुकसान भी पहुंचा सकता है। ऐसे में सिरोसिस या लिवर फेलियर का भी खतरा होता है।
लक्षण
स्किन और आंखों का पीला पड़ना(पीलिया)
पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द
जोड़ों में दर्द (जो कभी कभी होता है)
जी मिचलाना और उल्टी
पेशाब का रंग गाढ़ा होना
भूख कम लगना
स्किन पर रैश
वजन घटना
डायरिया
खुजली
थकान
बुखार
टॉक्सिक हेपेटाइटिस के कारण
दवाओं का अधिक सेवन
अगर आप बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन करते हैं, तो यह आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। बता दें कि कई ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन करने से भी आपको टॉक्सिक हेपेटाइटिस हो सकता है।
इंडस्ट्रियल केमिकल
वहीं कुछ खास तरह के केमिकल या सॉल्वेंट के संपर्क में आने से भी टॉक्सिक हेपेटाइटिस हो सकता है। अगर सांस के जरिए शरीर के अंदर यह केमिकल जाते हैं, या त्वचा के स्पर्श होते हैं, तो आपको टॉक्सिक हेपेटाइटिस की समस्या हो सकती है।
कीमोथेरेपी
कैंसर होने पर व्यक्ति को कीमोथेरेपी दी जाती है। जिससे लिवर प्रभावित होता है। क्योंकि कीमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवाएं लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जिससे टॉक्सिक हेपेटाइटिस हो सकता है।
हर्बल सप्लीमेंट
कुछ हर्बल सप्लीमेंट जैसे- ब्लैक कोहोश, कॉम्फ्रे, एलोवेरा, इफेड्रा, कावा आदि के सेवन से टॉक्सिक हेपेटाइटिस होने की संभावना हो सकती है। अगर बच्चे गलती से विटामिन की खुराक कम या ज्यादा लेते हैं, तो यह भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है।
शराब
शराब आदि के सेवन से लिवर पर भी बुरा असर पड़ता है। खासतौर पर शराब के साथ ड्रग्स लेने पर यह लिवर के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।
इलाज
टॉक्सिक हेपेटाइटिस क����� गंभीर रूप लेने से मरीज को उल्टियां होने लगती हैं। ऐस����� में रोगी को फौरन हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाता है, जहां पर डॉक्टर रोगी को इंट्रावेनस के जरिए कुछ विशेष प्रकार की दवाइयां देते हैं। जिससे मरीज को आराम मिलता है।
अगर लिवर पूरी तरह से खराब हो चुका है, तो डॉक्टर आपको लिवर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह भी दे सकते हैं।
वहीं अगर जांच में पाया जाता है कि ड्रग या केमिकल के एक्स्पोजर के कारण आपको टॉक्सिक हेपेटाइटिस हुआ है, तो डॉक्टर आपको इन चीजों से दूर रहने की सलाह देंगे।
बचाव के उपाय
बता दें कि शराब का सेवन करना लिवर के लिए नुकसादेह होता है। यह धीरे-धीरे लिवर को डैमेज करता है और कई बार यह लिवर की इतनी क्षति हो जाती है कि इसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है।
इसके अलावा बहुत सारे लोग बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन करते हैं। इससे भी लिवर को बहुत नुकसान पहुंचता है। किसी खास तरह की दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए। जरूरत से ज्यादा पेन किलर खाना भी खतरनाक साबित हो सकता है।
लिवर को हेल्दी रखने के लिए शराब के साथ-साथ नशीली दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए। खासतौर पर शराब के साथ ड्रग्स लेने से टॉक्सिक हेपेटाइटिस हो सकता है।
अगर आप किसी ऐसी जगह काम करते हैं, जहां पर आप हानिकारक केमिकल्स के संपर्क में रहते हैं, तो इससे भी लिवर के डैमेज होने का खतरा होता है।
लिवर की देखभाल
अपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
इसलिए डाइट में हेल्दी और पौष्टिक चीजों जैसे- हरी सब्जियां, फल, नट्स, साबुत अनाज और सीड्स आदि शामिल करें।
वहीं कम फैट और हेल्दी फैट वाली चीजों का सेवन करें।
अपना वेट कंट्रोल रखें।
अधिक रेड मीट खाने से बचना चाहिए।
इसके अलावा अधिक चीनी और फ्रुक्टोज वाली चीजों का सेवन न करें।
साथ ही पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें।
व्यक्ति को अधिक शराब और कैफीन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
रोजाना व्यायाम करें, इससे लिवर की कार्यक्षमता बेहतर होगी।