Delhi Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से पैनल बनाने को कहा, आतिशी से पूछा- आपने आते ही क्या किया
राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बीच सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने के लिए समितियां बनाने को कहा कि कोई निर्माण कार्य न हो। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील सदन फरासत ने कोर्ट को बताया कि कक्षा 5 तक की कक्षाएं बंद कर दी गई हैं और 5 से 9वीं तक की कक्षाएं केवल ऑनलाइन आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि निवारक उपायों के तहत, कक्षा 10 और 12 के लिए स्कूल खुले रहेंगे क्योंकि उनमें बोर्ड के छात्र हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद हो जाए! वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ कर रही है।
इसे भी पढ़ें:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह ग्रैप के चरण-4 के तहत उठाए जाने वाले निवारक कदमों में कटौती की अनुमति नहीं देगा, भले ही एक्यूआई 450 से नीचे आ जाए। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए जाने वाले निवारक कदमों में कटौती करने के लिए न्यायालय की पूर्व अनुमति लेनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने जीआरएपी के विभिन्न चरणों के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू करने में देरी को लेकर दिल्ली सरकार से सवाल किया। एक्यूआई के खतरनाक स्तर पर पहुंचते ही तुरंत जीआरएपी के विभिन्न चरण लागू किये जाने चाहिए। प्रदूषण में खतरनाक वृद्धि के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में ग्रैप के चरण-4 के कार्यान्वयन में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा।
इसे भी पढ़ें:
बता दें कि दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-IV) के चरण 4 के तहत प्रतिबंधों को लागू करने की घोषणा की। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि उसने सोमवार सुबह 8 बजे से पूरे एनसीआर में जीआरएपी के चरण-IV के अनुसार 8-सूत्रीय कार्य योजना लागू करने का निर्णय लिया है। 8 सूत्रीय कार्ययोजना के मुताबिक ये प्रतिबंध लगाए जाएंगे।