तमिलनाडु में दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता, राज्यपाल रवि का बड़ा दावा, 40 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में दलितों के खिलाफ अपराध पिछले तीन वर्षों में 40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि तमिलनाडु में दलित महिलाओं से जुड़े बलात्कार के मामलों में सजा की दर राष्ट्रीय औसत से आधी है। राज्यपाल ने दलितों के खिलाफ चल रहे सामाजिक भेदभाव की आलोचना की। उन्होंने उन घटनाओं का उल्लेख करते हुए जहां उन्हें कुछ सड़कों पर चलने, मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई, या उनके पानी के टैंकों को मानव अपशिष्ट के साथ मिलाने जैसे क्रूर कृत्यों का सामना किया गया।
चेन्नई में गांधी जयंती पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब गांधी चरखे का इस्तेमाल किया, तो यह स्वदेशी गौरव, आत्मनिर्भरता और अर्थव्यवस्था पर विदेशी नियंत्रण से मुक्ति का प्रतीक था। राज्यपाल ने दलितों के साथ चल रहे सामाजिक भेदभाव का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेज चले गए हैं, लेकिन ये लोग अभी भी स्वतंत्र नहीं हुए हैं। रवि ने यह भी बताया कि कल्लाकुरिची जहरीली शराब त्रासदी में 60 से अधिक दलितों की मौत उनके सामाजिक और आर्थिक भेदभाव का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दलित भी शराब माफिया के शिकार हैं।
रवि ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे तमिलनाडु के स्कूलों में कुछ छात्रों ने दलित रसोइयों द्वारा तैयार भोजन खाने से इनकार कर दिया, इन कार्यों को दर्दनाक और अस्वीकार्य बताया। उन्होंने टिप्पणी की, ”तमिलनाडु में जिस तरह से यह हो रहा है वह बहुत ऊंचे स्तर पर है।’