Health Tips: फैटी लिवर की समस्या होने पर दिखते हैं ऐसे लक्षण, जानिए इससे कैसे करें बचाव
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हमारे खानपान और रहन-सहन का हमारी हेल्थ पर गहरा असर पड़ता है। क्योंकि हमारी अनहेल्दी आदतों की वजह से शरीर को कई बीमारियां घेर लेती हैं। वहीं पिछले कुछ सालों में लाइफस्टाइल से जुड़ी कई बीमारियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं। वहीं फैटी लिवर भी खराब लाइफस्टाइल का नतीजा है। पिछले 50 सालों में फैटी लिवर ने पूरी दुनिया के करीब एक चौथाई लोगों को अपनी चपेट में लिया है। भारत में हर 3 में से 1 व्यक्ति को फैटी लिवर की समस्या है।
फैटी लिवर की समस्या बच्चों और बड़ों दोनों को प्रभावित कर रही है। एक लेटेस्ट स्टडी के मुताबिक भारत की करीब 38 फीसदी आबादी फैटी लिवर या फिर नॉन-अल्कोहालिक फैटी लिवर डिजीज से पीड़ित है। चिंता का सबब यह कि यह बीमारी सिर्फ बड़ों तक ही सीमित नहीं है। करीब 35 फीसदी बच्चों में भी फैटी लिवर की समस्या देखी जा रही है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप घर बैठे फैटी लिवर की समस्या का पता कैसे लगा सकते हैं और इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
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क्या है फैटी लिवर
यह एक लाइफस्टाइल से जुड़ी डिजीज है। जब लिवर में फैट सामान्य से ज्यादा जमा हो जाता है, तो इसको फैटी लिवर कहा जाता है। यह एक आम समस्या है, खासकर यह समस्या उन लोगों को होती है, जिनका वजन ज्यादा है।
वैसे तो फैटी लिवर का कोई खास लक्षण नहीं होता है, लेकिन यह एक सीरियस स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकता है। शराब का सेवन, फैट युक्त डाइट का अधिक सेवन और मोटापा आदि फैटी लिवर का मुख्य कारण है।
अधिकतर मामलों में फैटी लिवर के मरीजों को अपना लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करना चाहिए। इसके साथ ही रोजाना एक्सरसाइज करना चाहिए और वेट कंट्रोल करना चाहिए।
ऐसे फैटी लिवर का पता लगाएं
आमतौर पर फैटी लिवर के लक्षण सामान्य होते हैं, जिन पर अक्सर लोगों को ध्यान नहीं जाता है। इसलिए आज हम आपको यहां कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको समझकर आप आसानी से फैटी लिवर के बारे में पता लगा सकते हैं।
दाईं पसली के नीचे दर्द होना
अगर आपकी दांईं पसली के नीचे लगातार हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है, तो बता दें कि यह लिवर का एरिया होता है। यहां पर दर्द होना इस ओर फैटी लिवर का संकेत हो सकता है या फिर फैट कलेक्ट होने की वजह से साइज बढ़ गया है। इसलिए हेल्दी डाइट लेना शुरू कर दें औऱ रोजाना एक्सरसाइज करें। वहीं अगर तेज दर्द होता है, तो आपको बिना देर किए डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
पेट के आसपास फैट
धीरे-धीरे या फिर अचानक वजन बढ़ना और पेट के आसपास चर्बी जमा होना फैटी लिवर का संकेत हो सकता है। फैटी लिवर मेटाबॉलिज्म में अहम भूमिका निभाता है और जब यह ठीक से काम नहीं कर रहा होता है, तो पेट के आसपास चर्बी जमा हो सकती है। ऐसे में यदि आपने डाइट में बदलाव नहीं किया जाता है और फिर भी पेट के आसपास फैट बढ़ रहा है, तो इसकी जांच कराना जरूरी है।
मुंहासे या त्वचा संबंधी समस्याएं
कई लोगों को यह बात हैरान कर सकती है, लेकिन हमारी त्वचा लिवर की हेल्थ के बारे में काफी कुछ बता सकती है। बता दें कि लगातार मुंहासे होना भी फैटी लिवर का संकेत हो सकता है।
असल में लिवर हमारे शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में सहायता करता है। जब फैट की वजह से यह अधिक काम करता है, तो टॉक्सिन त्वचा के जरिए बाहर निकल सकते हैं। जिसकी वजह से मस्से, दाग-धब्बे या फिर मुंहासा हो सकते हैं।
त्वचा पर काले धब्बे
बगल में गर्दन पर �����ा फिर कोहनी के आसपास की त्वचा का काला पड़ना भी फै�����ी लिवर की ओर संकेत दे सकता है। आमतौर पर ऐसी स्थिति इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत होता है। जो नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज से जुड़ा होता है।
आंखों या त्वचा का पीला पड़ना
पीलिया की वजह से त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला हो जाता है। यह लिवर की खराबी की ओर संकेत देता है। ऐसा तब होता है, जब लिवर रेड ब्लड सेल्स से निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट बिलिरुबिन को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाता है।
पैरों, तलवों या फिर हाथों में सूजन
बता दें कि पैरों, टखनों या फिर हाथों में सूजन की समस्या तब होती है, जब लिवर पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन प्रोड्यूस नहीं कर पाता है, जिसके कारण फ्लूइड इम्बैलेंस होता है। यह सूजन अगर लगातार बनी है, तो यह फैटी लिवर का संकेत हो सकता है।
थकान या कमजोरी लगना
अगर आपको आराम करने के बाद भी लगातार थकान महसूस होती है, तो लिवर की समस्या हो सकती है। क्योंकि फैटी लिवर शरीर की एनर्जी को स्टोर करने और फिर उसको रिलीज करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। जिसकी वजह से आपको थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है। अगर बिना किसी कारण एनर्जी लेवल कम है, तो आपको अपने लिवर हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए।
फैटी लिवर से ऐसे करें बचाव
वेट कंट्रोल करके फैटी लिवर संबंधी कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
चाय का सेवन न करें।
अल्कोहल आदि से दूरी बनाएं।
सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
रोजाना कम से कम 45 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें।
सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
जरूरत से ज्यादा दवाओं का सेवन न करें।
समय पर सोना चाहिए और समय पर ही उठना चाहिए।