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आम आदमी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। दिग्गज नेता कैलाश गहलोत ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने रविवार को अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। इसी के साथ उन्होंने जीएनसीटीडी के मंत्रिपरिषद से भी इस्तीफा दे दिया। वह दिल्ली सरकार में परिवहन, प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, गृह तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री का पद संभाल रहे थे।
केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी की दिशा और दशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, ‘आज आम आदमी पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां हैं। अंदरूनी चुनौतियां, उन्हीं मूल्यों के सामने जो हमें AAP में लेकर आए। राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर हावी हो गई हैं, जिससे कई वादे अधूरे रह गए हैं। उदाहरण के लिए यमुना को ही लें, जिसे हमने स्वच्छ नदी में बदलने का वादा किया था, लेकिन कभी पूरा नहीं कर पाए। अब यमुना नदी शायद पहले से भी ज़्यादा प्रदूषित हो गई है।’
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गहलोत ने शीशमहल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अब ‘शीशमहल’ जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद हैं, जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी होने पर विश्वास करते हैं।
गहलोत ने आम आदमी पार्टी पर अपने राजनीतिक एजेंडो के लिए लड़ने का आरोप लगाते लगाया। उन्होंने लिखा, ‘लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं। इसने दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की हमारी क्षमता को भी बुरी तरह से कमज़ोर कर दिया है। अब यह स्पष्ट है कि यदि दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है तो दिल्ली का वास्तविक विकास नहीं हो सकता।’
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अंत में उन्होंने लिखा, ‘मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा दिल्ली के लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ शुरू की थी और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं। यही कारण है कि मेरे पास AAP से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है और इसलिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।’
— Kailash Gahlot (@kgahlot)