Green Hydrogen And Natural Gas Mixture For Cooking : अडाणी समूह ने घरों की रसोई में उपयोग की जाने वाली पाइप्ड नेचुरल गैस में ग्रीन हाइड्रोजन गैस को मिलाना शुरू कर दिया है. देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब प्राकृतिक गैस और ग्रीन हाइड्रोजन गैस का मिश्रण शुरू किया है. अडाणी समूह ने इसके पीछे उत्सर्जन में कटौती करना और जीरो कार्बन लक्ष्य को पूरा करना है.
अडानी टोटल गैस लिमिटेड ने अहमदाबाद के शांतिग्राम में पाइप्ड प्राकृतिक गैस आपूर्ति में 2.2-2.3 प्रतिशत हरित हाइड्रोजन का मिश्रण शुरू कर दिया है, फर्म ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा. स्वच्छ मार्गों से उत्पादित हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों में डाला जाता है. फर्म ने पवन या सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन शुरू कर दिया है, ताकि इलेक्ट्रोलिसिस नामक प्रक्रिया के माध्यम से पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जा सके. इस हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस में मिलाया जाता है जिसे वर्तमान में खाना पकाने के उद्देश्यों और उद्योगों के लिए घरों में पाइप के माध्यम से पहुँचाया जाता है.
अडानी-टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) ने कहा, “हम अहमदाबाद के अडानी शांतिग्राम में अपने हाइड्रोजन ब्लेंडिंग सिस्टम और इन-सीटू हाइड्रोजन उत्पादन के सफल संचालन की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं.”
4000 घरेलु और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को मिलेगी गैस
अडाणी समूह की तरफ से ये जानकारी दी गयी है कि ” इस परियोजना के तहत 4,000 घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को निर्बाध हाइड्रोजन-मिश्रित प्राकृतिक गैस उपलब्ध कराई जायेगी.” वर्तमान में, राज्य के स्वामित्व वाली बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी गुजरात के सूरत जिले के कवास में घरों में ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रित प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करती है.
सरकारी स्वामित्व वाली गैस उपयोगिता कंपनी गेल (इंडिया) लिमिटेड भी मध्य प्रदेश के इंदौर में ग्रे हाइड्रोजन से मिश्रित सीएनजी की आपूर्ति के लिए एक छोटा सा पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रही है.
एटीजीएल की परियोजना अब तक की सबसे बड़ी परियोजना है
अडाणी समूह की ओर से ये दावा किया गया है कि कंपनी धीरे-धीरे प्राकृतिक गैस में हरित हाइड्रोजन मिश्रण को 5 प्रतिशत और अंततः 8 प्रतिशत तक बढ़ाएगी और शांतिग्राम से आगे अहमदाबाद के अन्य हिस्सों और अंततः उन अन्य क्षेत्रों में आपूर्ति बढ़ाएगी जहां इसके पास सिटी गैस लाइसेंस है.
एटीजीएल ने कहा, “यह उपलब्धि हमारे कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों की ओर बढ़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. प्राकृतिक गैस के साथ हाइड्रोजन को मिश्रित करके, हम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर रहे हैं, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ा रहे हैं और सतत विकास का समर्थन कर रहे हैं.”
“यह स्थिरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. यह स्वच्छ, हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है, तथा सभी के लिए स्वच्छ और स्वस्थ हवा सुनिश्चित करता है.” एटीजीएल के सीईओ सुरेश पी मंगलानी ने कहा कि फर्म द्वारा की गई यह अग्रणी पहल “भारत के ऊर्जा परिदृश्य को कार्बन मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”
पाइप लाइन को क्षति पहुंचती है ग्रीन हाइड्रोजन
जीरो कार्बन उत्सर्जन वाले ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य के ईंधन के रूप में माना जा रहा है, पाइपलाइनों और उपकरणों को खराब करने की इसकी प्रवृत्ति इसके उपयोग को सीमित करती है. परीक्षणों से पता चला है कि पाइपलाइनों या उपकरणों पर किसी भी तरह के प्रभाव के बिना प्राकृतिक गैस में 10 प्रतिशत तक हाइड्रोजन मिलाया जा सकता है. एटीजीएल वर्तमान में 2.2-2.3 प्रतिशत मिश्रण कर रही है और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 5 प्रतिशत और अंततः 8 प्रतिशत कर दिया जाएगा – जो कि वर्तमान में नियामकों द्वारा निर्धारित सीमा है.
पाइपलाइनों और उपकरणों की सामग्री की श्रेणी और दीवार की मोटाई में परिवर्तन के साथ 30 प्रतिशत तक का उच्च मिश्रण संभव है. हालांकि, इसकी उत्पादन लागत ऊंची बनी हुई है और यह एक चुनौती बनी हुई है.