Tips To Reduce Sugar Craving: बार-बार होती है शुगर क्रेविंग तो इन टिप्स की मदद से करें कम
हम सभी को अक्सर मीठा खाने की इच्छा होती है। खासतौर से, किसी खास अवसर पर तो हम सभी कुछ ना कुछ मीठा जरूर खाते हैं। लेकिन ऐसे भी कुछ लोग होते हैं, जिनके स्वीट टूथ होते हैं और इसलिए वे बार-बार हमेशा मीठा खाते रहते हैं। यह तो हम सभी जानते हैं कि बहुत अधिक मीठे का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है। यह मोटापे से लेकर अन्य कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ बनता है। इसलिए, मीठे का सेवन कम से कम करना चाहिए। हालांकि, अगर आपको बार-बार शुगर क्रेविंग होती है तो ऐसे में खुद को कण्ट्रोल करने के लिए आप कुछ छोटे-छोटे टिप्स अपना सकते हैं-
लें बैलेंस मील
शुगर क्रेविंग को कम करने के लिए बैलेंस मील लेना बेहद जरूरी होता है। प्रोटीन, हेल्दी फैट और फाइबर के कॉम्बिनेशन वाला बैलेंस मील ब्लड शुगर लेवल को स्टेबल करता है, जिससे शुगर क्रेविंग काफी हद तक कम हो जाता है। प्रोटीन सोर्स के रूप में आप अंडे, नट्स, लीन मीट या टोफू आदि का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, हेल्दी फैट्स के रूप में आप एवोकाडो, नट्स, सीड्स और जैतून का तेल अच्छा विकल्प है। इसके अलावा, आप होल ग्रेन, सब्जियां और फल अवश्य लें। फाइबर रिच होने के कारण आपको लंबे समय तक भरा रखने में मदद मिलती है।
रहें हाइड्रेटेड
कभी-कभी हमारा शरीर डिहाइड्रेशन को भूख या क्रेविंग समझ लेता है, जिससे आपको बार-बार शुगर क्रेविंग होती है। इसलिए, इसे कम करने के लिए पूरे दिन पानी पिएं। प्रतिदिन 8-10 गिलास पानी पीने का गोल रखें। इसके अलावा, आप बिना चीनी वाली हर्बल चाय का सेवन कर सकते हैं।
नेचुरल स्वीटकर का ऑप्शन चुनें
अगर आपको मीठा खाने का शौक है, तो ऐसे में आप नेचुरल स्वीटनर का इस्तेमाल करना अच्छा माना जाता है। इससे रिफाइंड शुगर की इच्छा कम हो सकती है। हालांकि, आप शहद, मेपल सिरप या स्टीविया का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें। खजूर और ड्राइड फ्रूट्स का इस्तेमाल डिशेज को नेचुरली मीठा करने में मदद करता है। आप इसे थोड़ी मात्रा में लें।
मैग्नीशियम इनटेक सेवन बढ़ाएं
आपको शायद पता ना हो, लेकिन मैग्नीशियम की कमी से शुगर की क्रेविंग बढ़ सकती है, खासकर चॉकलेट की क्रेविंग। इसलिए, अपनी डाइट में मैग्नीशियम इनटेक बढ़ाने की कोशिश करें। आप अपने आहार में पालक, मेवे, बीज और साबुत अनाज जैसे मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। अगर जरूरी हो तो हेल्थ केयर एक्सटपर्ट से बात करने के बाद मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने पर विचार करें।
– मिताली जैन